मानसून आते ही चारों तरफ हरियाली छा जाती है, मौसम सुहावना हो जाता है और गर्मी से राहत मिलती है। लेकिन इसी मौसम में कई बीमारियाँ भी तेजी से फैलती हैं। इनमें सबसे खतरनाक बीमारी है डेंगू (Dengue)। मच्छरों से फैलने वाली यह बीमारी शरीर की इम्युनिटी को कमजोर कर देती है और अगर समय पर इलाज न हो तो जानलेवा भी साबित हो सकती है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे:
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डेंगू क्या है और इसके लक्षण
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बरसात में डेंगू क्यों फैलता है
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डेंगू से बचाव के आसान तरीके
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डेंगू के आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार
🦟 डेंगू क्या है?
डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय रहता है और गंदे पानी या रुके हुए पानी में पनपता है। डेंगू होने पर प्लेटलेट्स (Platelets) तेजी से कम होने लगते हैं जिससे शरीर कमजोर हो जाता है।
⚠️ डेंगू के प्रमुख लक्षण
डेंगू के शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार जैसे लग सकते हैं लेकिन धीरे-धीरे इसके लक्षण गंभीर हो जाते हैं।
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तेज बुखार (104°F तक)
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शरीर और जोड़ों में दर्द
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आँखों के पीछे दर्द
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थकान और कमजोरी
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भूख न लगना
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स्किन पर लाल चकत्ते या रैशेज
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प्लेटलेट्स की संख्या में कमी
👉 अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो डेंगू "डेंगू हेमरेजिक फीवर" में बदल सकता है, जिसमें नाक या मसूड़ों से खून आना शुरू हो जाता है।
🌧️ मानसून में डेंगू क्यों ज्यादा होता है?
बरसात के मौसम में जगह-जगह पानी भर जाता है। रुका हुआ पानी मच्छरों के लिए ब्रीडिंग ग्राउंड (breeding ground) बन जाता है।
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घर के गमलों में जमा पानी
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छत पर रखे बर्तन
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गड्ढों में भरा पानी
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कूलर या टैंक का गंदा पानी
यही वजह है कि मानसून आते ही डेंगू के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ जाती है।
🛡️ डेंगू से बचाव के उपाय
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रुके हुए पानी को तुरंत साफ करें – घर और आसपास पानी जमा न होने दें।
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मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाले उपाय अपनाएँ – सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
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फुल कपड़े पहनें – ताकि मच्छर काट न पाए।
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गिलोय और तुलसी का सेवन करें – यह इम्युनिटी को बढ़ाते हैं।
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गर्म पानी का इस्तेमाल करें – पीने और नहाने में गुनगुना पानी अपनाएँ।
🌿 डेंगू के आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार
1. गिलोय (Guduchi)
गिलोय को आयुर्वेद में "अमृत" कहा जाता है। यह इम्युनिटी बढ़ाता है और बुखार को कंट्रोल करता है।
👉 एक गिलास पानी में गिलोय की डंडी उबालकर रोज पिएँ।
2. पपीते के पत्ते
डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। पपीते के पत्ते प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करते हैं।
👉 पपीते के पत्तों का रस निकालकर 2–3 चम्मच दिन में दो बार पिएँ।
3. तुलसी और काली मिर्च की चाय
तुलसी इम्युनिटी बूस्टर है और काली मिर्च संक्रमण को रोकती है।
👉 पानी में तुलसी की पत्तियाँ और थोड़ी काली मिर्च डालकर उबालें और चाय की तरह पिएँ।
4. अनार और गाजर का जूस
अनार खून की कमी को पूरा करता है और गाजर शरीर को ताकत देता है।
👉 रोज ताजे अनार और गाजर का जूस पिएँ।
5. धनिया पत्ते का रस
धनिया शरीर की गर्मी कम करता है और बुखार घटाता है।
👉 धनिया पत्तियों को पानी में उबालकर उसका काढ़ा पिएँ।
6. आंवला (Indian Gooseberry)
आंवला विटामिन C से भरपूर है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
👉 सुबह खाली पेट आंवला का जूस पीना फायदेमंद है।
🍲 डेंगू में खान-पान
डेंगू के मरीज को हल्का और पौष्टिक खाना देना चाहिए।
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तरल पदार्थ ज्यादा दें (नारियल पानी, सूप, जूस)
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तैलीय और मसालेदार खाना न दें
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खिचड़ी, दलिया और हरी सब्जियाँ खिलाएँ
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इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पानी दें
✅ निष्कर्ष
बरसात के मौसम में डेंगू एक बड़ी समस्या बनकर सामने आता है। लेकिन अगर हम थोड़ी सावधानी बरतें और आयुर्वेदिक व घरेलू उपायों को अपनाएँ तो इससे बचाव भी संभव है और शरीर जल्दी रिकवर भी कर सकता है।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. क्या डेंगू में पपीते के पत्ते सच में काम करते हैं?
👉 हाँ, पपीते के पत्ते प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करते हैं।
Q2. डेंगू का सबसे पहला लक्षण क्या होता है?
👉 अचानक तेज बुखार और शरीर में दर्द डेंगू का शुरुआती लक्षण है।
Q3. क्या डेंगू में दूध पी सकते हैं?
👉 हाँ, लेकिन हल्का गुनगुना दूध लेना चाहिए, ठंडा दूध नहीं।
Q4. डेंगू से बचाव का सबसे आसान तरीका क्या है?
👉 घर और आसपास रुका हुआ पानी न रहने दें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
Q5. क्या डेंगू का इलाज सिर्फ घरेलू नुस्खों से संभव है?
👉 घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय रिकवरी में मदद करते हैं लेकिन अगर हालत गंभीर हो तो डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।
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